स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास की दर को अधिक तीव्र बनाना तथा उत्पादक रोजगार सृजन द्वारा निर्धनता की समस्या का निवारण करना है .
अर्थव्यवस्था से क्या अभिप्राय है?
अर्थव्यवस्था से हमारा अभिप्राय एक देश या क्षेत्र विशेष की उस व्यवस्था से है जिसके अंतर्गत मनुष्य की आवश्यकताओं की संतुष्टि से संबंधित उसके सभी आर्थिक क्रियाकलापों का संपादन होता है.
आज कोई भी व्यक्ति अपनी सभी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा नहीं कर सकता . आधुनिक समाज के सदस्य अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर एक दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. असंख्य व्यक्तियों की आर्थिक क्रियाओं में समन्वय या सामंजस्य स्थापित करने की व्यवस्था ही अर्थव्यवस्था है .
वस्तुतः अर्थव्यवस्था किसी भी समूह या समाज के द्वारा जीवन यापन के लिए अपनाई गई आर्थिक व्यवस्था है.
आर्थिक क्रियाओं का उद्देश्य क्या होता है?
आर्थिक क्रियाओं के द्वारा लोग अपने जीविकोपार्जन अर्थात विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन अथवा साधन प्राप्त करते हैं.
अर्थव्यवस्था के कितने प्रकार होते हैं?
साधनों के स्वामित्व के आधार पर विश्व के विभिन्न देशों में तीन प्रकार की अर्थव्यवस्था में पाई जाती हैं -
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था
समाजवादी अर्थव्यवस्था एवं
मिश्रित अर्थव्यवस्था
उत्पादन के साधन किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के हैं?
वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए कई साधनों की आवश्यकता होती है जिन्हें उत्पादन के साधन कहते हैं .उत्पादन के चार मुख्य साधन हैं -
भूमि
श्रम
पूंजी और
संगठन
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था आर्थिक व्यवस्था का वह रूप है, जिसमें संपत्ति एवं उत्पादन के साधनों पर किसी व्यक्ति या निजी संस्था का अधिकार रहता है. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था लाभ के उद्देश्य से संचालित होती हैं. इसमें राज्य या सरकार व्यक्ति के आर्थिक क्रियाकलाप में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करती. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था को स्वतंत्र अर्थव्यवस्था भी कहते हैं. विश्व के अधिकांश विकसित देशों में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था है. जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा आदि.
समाजवादी अर्थव्यवस्था क्या होती है?
समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के सभी साधन राज्य सरकार के अधीन होते हैं, जो सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से इनका प्रबंधन और संचालन करती है. आर्थिक न्याय एवं अवसरों की समानता इस व्यवस्था के मूल आधार हैं.
मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या होती है?
मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं का मिश्रित रूप होती है. इस प्रकार की अर्थव्यवस्था निजी उद्यम तथा सरकार दोनों के द्वारा संचालित होती है. इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण में रहते हैं, जिनमें वह स्वयं उत्पादन करती है तथा शेष निजी उद्योगपतियों के हाथ में छोड़ दिया जाता है.
मिश्रित अर्थव्यवस्था में सरकारी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) तथा निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) दोनों ही कार्य करते हैं. अतः इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में पूंजीवाद एवं समाजवाद दोनों के प्रमुख गुण विद्यमान होते हैं. इस व्यवस्था को हम पूंजीवाद और समाजवाद के बीच का स्वर्णिम मार्ग कह सकते हैं.
आर्थिक विकास की दृष्टि से कितनी प्रकार की अर्थव्यवस्थाएं होती हैं?
आर्थिक विकास की दृष्टि से अर्थव्यवस्था में दो तरह की होती हैं -
विकसित अर्थव्यवस्था - अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान जैसे देशों में विकसित अर्थव्यवस्थाएं हैं.
यहां राष्ट्रीय तथा प्रति व्यक्ति आय अधिक है
यहां के नागरिकों का जीवन स्तर अपेक्षाकृत बहुत ऊंचा है
विकासशील अर्थव्यवस्था - भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, आदि देशों की अर्थव्यवस्था पिछड़ी हुई या विकासशील है.
यहां प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है
यह देश निर्धन देशों की श्रेणी में आते हैं
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