अरमान
है शौक़ यही अरमान यही,
हम कुछ करके दिखलाएँगे |
मरने वाली दुनिया में हम,
अमरों में नाम लिखाएँगे |
जो लोग गरीब भिखारी हैं,
जिन पर न किसी की छाया है |
हम उनको गले लगाएँगे,
हम उनको सुखी बनाएँगे |
जो लोग हारकर बैठे हैं,
उम्मीद मार कर बैठे हैं |
हम उनके बुझे दिमागों में,
फिर से उत्साह जगाएँगे |
जो लोग अँधेरे घर में हैं,
अपनी ही नहीं नज़र में हैं |
हम उनके कोने कोने में,
उद्द्यम का दीप जलाएंगे |
रोको मत, आगे बढ़ो दो,
आज़ादी के दीवाने हैं |
हम मातृभूमि की सेवा में,
अपना सर्वस्व लगाएँगे ।
हम उन वीरों के बच्चे हैं,
जो धुनें पक्के-सच्चे थे |
हम उनका मान बढ़ाएँगे,
हम जग में नाम कमाएँगे ।
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